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प्रेम के रंग अनोखे माना, दिल चाहे इसमें रंग जाना। हर कोई इक बार ही चाहे, बनता चाहत में दीवाना। दे दे कोई इसका हल भी, क्यूं आबाद हुआ मयख़ाना। S.N.Siddiqui ...