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ये वतन के बांकुरे हैं, हर दिल में जिंदा रहते। सरहद पर कुर्बान हुए, निशां तिरंगे में रहते। कितनों ने जां गंवाई, प्राण तज दिए हंसकर, तीन रंग ना झुक पाए, ...