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दैनिक प्रतियोगिता स्वैच्छिक कविता - *आया सावन झूम के* दिल ने दिल को पुकारा है महादेव को ये अति प्यारा है गौरा ने तप कर प्रसन्न किया तब शिव ने उसको ...