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*आधे-अधूरे मिसरे- 16* ~~~~~~~~~~~~~ *कभी किसी को मुकम्मल* ~~~~~~~~~~~~~~ कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता खिला हुआ ही सदा बाग़बाँ नहीं मिलता तुम्हारे साथ से सारी बहारें आती थी, तुम्हारे ...