क्यों तपिश लिए हुए  सूरत भटकता परेशान है  तो बदलो की ओंठ में  चांद सूरज भी हैरान है अपनों की भीड़ में  तो कहीं जमीन पर होकर भी इंसान परेशान है  ...

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