सरकारी दामाद

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सरकारी दामाद जिस घर बिटिया स्यानी हो गई, नींद उड़ी है रातों की । चिंता चित करत है निशदिन, चैन छिना है बातों की । सरकारी नौकर हो लरका, बंधी गिरश्ती ...

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