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दैनिक प्रतियोगिता हेतु गज़ल जीवन में कितने पाले हैं, गम किसे बताएं। कितने है बेचैन यहां , हम किसे बताएं।। तन्हाई में खुद के ही, आंसू पोंछ रहे हैं। और सभी ...