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शीर्षक :घर सूना हो गया... हर सुबह उम्मीदों के रुखे नए बांधे, हम इंसान कौन से हैं, निगाहें देख रहीं हैं रोज़ उसका इंतज़ार,रास्ते कौन से हैं। आशियां अक्सर चहकता था, ...