प्रकृति की मार

2 Part

43 times read

3 Liked

विषय-- *घटता आँचल* शीर्षक-- *प्रकृति की मार* विधा-- *अतुकांत* महाकुपित आसमान ने, टूटकर गिराया बादल। जलधर के आक्रोश से, मच गया हाहाकार। हर तरफ बरसता बादल, तानाशाही शासक बन गया।तोड़ सारी ...

×