1 Part
125 times read
6 Liked
सपने आंखों को सलाम लिख रहे हैं.... अपनी बेबसी का आलम हजार बार देख रहे हैं... रहते थे सपने कभी पलकों की छांव में... बंद होती थी आंखें कभी सपनों के ...