Shayari guru

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अब इस चांद पे कोई नजर ना लगाए।   क्योंकि इस चांद पे अब मेरा पेहरा है।   चाहें की समझे फिर भी ना टूटते गा।   यह रिश्ता ही इतना गहरा है।   क्या ...

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