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पगडंडियों से जब चली बैंलगाँडी मे बैठकर मै और दिखे लहलहाते खेत खलिहान ,सिर पर रखे गठरी चले जा रहे थे किसान ।मानो असली भारत यही है ।श्रमशील भारत ।थोडी दूर ...