23 Part
161 times read
5 Liked
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है। माजी से अपने दिल का वह खंडहर आबाद है।। रखा है डायरी में वह फूल यूँ ही महफूज़, जिसकी खुशबू से दो जहाँ ...