मानवता की हार हुई हैं

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मानवता की हार हुई हैं! '''’’''''""""""""""”'''’’''''""""""""""” जिंदा लाश बनी हैं अबला,    गिद्धों की भरमार हुई हैं।       नोंच रहे सरेआम भेड़िये,          कायर तंत्र लाचार ...

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