1 Part
290 times read
11 Liked
दैनिक प्रतियोगिता स्वैच्छिक कविता *राष्ट्र निर्माता गुरु* *गुरू गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पाय* *बलिहारी गुरू आपने गोविंद दियो बताय* जो राष्ट्र निर्माण करे वो शिक्षक गुरू कहलाता है। शिक्षा संग ...