1 Part
143 times read
15 Liked
शीर्षक :तेरे निशान... ढल रही शाम वही हमको रवानी दे दे, जो कभी ख़त्म न हो रात वो सुहानी दे दे। क्या बताएं कि अब खबर नहीं रहती अपनी, होश मैं ...