लेखनी प्रतियोगिता -26-Jul-2023

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शीर्षक- आघात आघात हृदय पर होता है,  जब देखूँ मैं रोती  नारी।   टूटी मर्यादा की रेखा,  उन्मुक्त हुए हैं व्यभिचारी।। बलवत तन को हासिल करना, कब पौरुष कहलाता है। जो ...

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