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हाथ तुम थाम लो फिर से आकर मेरा, सही जाती नहीं है आपकी ये जुदाई। लिखने लगी दिल की नाज़ुक क़लम भरी आसुओं की है स्याही। कैसे कहूं मेरे जज़्बात ये, ...