2 Part
243 times read
3 Liked
अपने कर्मों की बगिया से, भारत-भू को महकाया।। इसकी लाज बचाने खातिर, स्वाभिमान से सिर कटवाया।। भारत-माता के आँचल के, थे हीरे अनमोल। कलम, आज उनकी जय बोल।। वतन की उम्मीदों ...