सूखे आंसू

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ग़म की रात गुजर गई, कर कर दिन को याद दिन होते मिला न कोय, सुन ले जो  फरियाद सुन ले वो फरियाद, काहे का फिर होए  ग़म तड़प तड़प कर ...

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