लेखनी प्रतियोगिता -29-Jul-2023

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उल्लाला छंद  मात्रा भार 15/13 सृजन शब्द-सूखे आँसू अब सूखे आँसू आँख के, यही कामना तात है।  हम क्यों उदास खुद को करें, बड़ी सरल सी बात है।।  अब मिलजुल कर ...

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