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दैनिक प्रतियोगिता हेतु गीत तुम बिन सावन बन कर बरसे जाने कितने भूखे आंसू। जब भी कोई दर्द मिला तो, कभी कहां पर चूके आंसू।। लेकिन धीरे-धीरे देखो , समय हुआ ...