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मेरा सपना सपनों की परवाज़ है ऐसी, पंछी बन उड़ जाऊं मैं नीलगगन में उड़ते उड़ते तारों को छू पाऊं मैं चन्दा की धरती पे अपना नीड़ बनाऊं मैं बादल के बिछोने ...