प्रेम आरधना

1 Part

280 times read

8 Liked

भावनाएँ वेदनाएँ प्रेम पूजा और हम, बिम्ब है सारे तुम्हारे काँच का दर्पण है मन,, हो गई जब श्याममय  है श्याम की है साधिका , प्रेम का कर आचमन वह बन ...

×