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भावनाएँ वेदनाएँ प्रेम पूजा और हम, बिम्ब है सारे तुम्हारे काँच का दर्पण है मन,, हो गई जब श्याममय है श्याम की है साधिका , प्रेम का कर आचमन वह बन ...