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शीर्षक-प्रियतम की याद चौखट पर जब मैं खड़ी, देखो बौछारें पड़ी, विरह हृदय की बढ़ती, करती हूॅं इंतजार। ये राहें में ताकती, उर में आशा बाॅंधती, आओगे तुम सजना, कहे दिल ...