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शीर्षक-तस्वीर जब देखी मैंने एक तस्वीर, बह रहा था ऑंखों से नीर, जाने कितनी है पीर। कितने थे तन पर निशान, फिर भी ऑंखों में लेकर मान, बंद रखी सदा जुबान। ...