मित्रों का साथ

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अजब सी है यारी हमारी कभी होती है कड़वी  तो कभी फूल से भी प्यारी ज़िन्दगी के इन सालों में  कुछ रिश्ते हैं ऐसे बुने जैसे काँटों में से हमने हैं ...

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