प्रीत निभाना

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रविवारीय   प्रतियोगितार्थ....    *प्रीत निभाना* छोड़छाड़ सब रिश्ते- नाते, माँ का दामन छोड़कर, बाबा के बाजू से निकल ,मैं आई तुम्हारे साथ पिया। अनजाने थे तुम हमसे, था घर पराया तुम्हारा, ...

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