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सावन का महीना मेघा बरसे झूम के री। ए री सखी ठंडी हाँ सखी ठंडी पड़त फुहार। सावन का…….. झर-झर झर-झर नीर बरसे, दामिनी संग में कड़के। ए री सखी हिय ...