भीड़

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भीड़ है हजारों की फिर भी मैं तन्हा हूँ  बरसे नही बादल फिर भी मैं भीगा हूँ तेरी यादों के सहारे मैं तो अब जिंदा हूँ  इंसान था अब हाड़ मास ...

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