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आधे अधूरे मिसरे कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता भले दिखता है मगर , आसमां नहीं मिलता। कभी किसी को मुकम्मल, जहाँ नहीं मिलता।। दर्द देकर भी मुस्कान , सजाए ...