इस दिल की गहराई को कोई नापता नहीं

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आधे अधूरे मिसरे  इस दिल की गहराई को कोई नापता नहीं दुनिया  में  पाप  करके,  कोई  कांपता  नहीं। नंगें   वदन   को   आज , कोई ढापता नहीं।। कुछ लोग अपनी बात , ...

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