मतलबी लोग

1 Part

221 times read

7 Liked

....प्रतियोगितार्थ....      *मतलबी लोग* उम्र की दोपहरी तक, रिश्ते बहुत गहरे बने। शहद में घुले शब्द का, धीमा ज़हर हम पीते रहे। थे दिन लबरेज़ खुशियों से,भीड़ से घिरे रहे ...

×