एक डोर में सबको बांधती,वो हिंदी है, लेखनी कविता प्रतियोगिता# आधे-अधूरे मिसरे-25-Jul-2023

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कई दिनों तक चूल्हा रोया गीत (१६,११ पदांत २१) कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास। भूखे प्यासे रात बिताई, मन में है विश्वास।। कल वर्षा होगी जोरों से, लहराएंँगे ...

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