1 Part
302 times read
6 Liked
शीर्षक - नाराज नाराज भले दुनिया हो तुम मत होना सरताज। तुमसे ही जिंदा है मेरे प्रेम की परवाज़। रात की नीरव ख़ामोशी में सुनती हूँ एक सदा मेरे सूने जीवन ...