आकाश से परे

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आकाश से परे हर तरफ फैला नीले अंबर का विस्तार क्या कुछ और भी होगा उसके पार देखूं दिखता तारों का एक झुंड अपार मुस्कुराते टिमटिमाते, मानो बुला रहे उस पार। ...

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