एक डोर में सबको बांधती,वो हिंदी है, लेखनी कविता प्रतियोगिता# आधे-अधूरे मिसरे-25-Jul-2023

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6) ले चल वहां भुलावा देकर, मेरे मालिक धीरे-धीरे। ले चल वहां भुलावा देकर, मेरे मालिक धीरे-धीरे। हैं यह राह पत्थरीली तो, चल नदिया के तीरे-तीरे।। सबने मुझको जब दुत्कारा, एक ...

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