1 Part
331 times read
6 Liked
शेर... खत्म कर जो कभी वस्ता थे गए, आज फिर रूबरू मनाने आए । आँख इक पल ही लगी थी मेरी, ख़्वाब में मुझको सताने आए। © उषा शर्मा ...