एक डोर में सबको बांधती,वो हिंदी है, लेखनी कविता प्रतियोगिता# आधे-अधूरे मिसरे-25-Jul-2023

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चुपके-चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है वो तन्हा मुझे छोड़ कर यूं तेरा जाना याद है यह सारी सखियाँ  मुझे छेड़ें हैं तेरा नाम ले कैसे भूलूं मैं तुझको अपने ...

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