एक डोर में सबको बांधती,वो हिंदी है, लेखनी कविता प्रतियोगिता# आधे-अधूरे मिसरे-25-Jul-2023

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वक्त क वक़्त को आते न जाते न गुज़रते देखा वक्त बीत जाएगा यूं ही सबको कहते देखा यह तो सबके लिए एक जैसा ही रहा वो तो लोगों को ही ...

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