37 Part
572 times read
18 Liked
भटकती आत्मा चन्द्रदेव गगन के भगवान में मुस्कुरा रहे थे | उन की चंचल किरणें वसुधा के अंग-अंग को गुदगुदा रही थी। लगता था आकाश से रजत धारा अमृत ...