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सार छंद -देखा कमाल जरा पैसों का देख कमाल जरा पैसों का, पैसा रूप दिखाता। देखो पोरो पर हमें नचाता, अरचा हमें बनाता।। महंगाई रंग चढ़ बोले, अपना रोब जमाती। साॅंझ ...