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मुसाफिर मुसाफिर चलता जाए रे! आज यहां और कल का ठिकाना, भटक ना जाए है रे! मुसाफिर चलता जाए रे! ******************* कहीं पै देखा सुख भर भर के, कहीं भरे भंडार ...