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शीर्षक-संकट से क्या घबराना सुनो गौर से मुसाफिरों, संकट से क्या घबराना। राहों में तुम बढ़ते रहना, संकट को ऑंख दिखाना।। तुम कहलाते हो पथगामी, राहो का बनना सहगामी। उंगली पकड़ ...