पत्थर हो गये

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चित्र-चिंतन.....     *पत्थर हो गये* माटी से बचकर निकले पत्थर बन गये हैं अर्थ में बहने की चाह थी, राह में थम गये हैं। घर कच्चा पर  रिश्ते पक्के थे ...

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