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*मुसाफिर* रूह मुसाफिर, तन सराय, पंच तत्व से बन हम आए। पंच विकार साथी हमारे, पंच भाव भी साथ लगे। जन्म-मृत्यु के दो किनारे, बहती है जीवन- नौका। धूप-छाँह के घट-घाट ...