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कुकुभ छंद (प्रिय मेंहदी प्रीत सजाती) प्रिय मेंहदी प्रीत सजाती, हाथों में नाम लिखाती। रचे रंग जब प्रियतम गहरा, प्रमुदित होता मन मेरा।। पिया श्रृंगार तुझे बुलाता, हृदय प्रेम की है ...