लेखनी प्रतियोगिता - तलाश सुकून की।।

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तलाश सुकून की उलझे उलझे से रहते हैं हम, सुबह से शाम तक, नई नई मुश्किलों से जूझते रहते हैं हम, छोड़ के आराम सब, ना जाने, किस कोने में छुपा ...

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