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मेघ और वसुधा के दोहे। आसमान की आग से, जलती कंचन देह। प्रणय याचिका तब धरा, लिखती सहित सनेह।। वायु सखी से तब कहे, वसुधा हो मजबूर। पहुंचा दो संदेश तुम, ...