चिट्ठी

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चिट्ठी पिया के नाम सौंधी गंध लिए आ जाओ, घर-आँगन सुरभित हो जाएँ। संग बहारों को ले आओ- तन-मन सब पुलकित हो जाएँ।। छीन बादलों से बरसातें, आ धरती की प्यास ...

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